वागीश्वरी रामवासी पी. जी. कालेज ।
वागीश्वरी रामवासी पी॰ जी॰ कालेज के द्वारा संचालित यह महाविद्यालय क्षेत्र में शैक्षिक विकास एवं रोजगार परक शिक्षा हेतु संकल्पित है ।
इस महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं से यह अपेक्षा की जाती है कि, सामाजिक एव मानवीय मूल्यों कि सरंचना करते हुए आदर्श नागरिक बनने को प्रयास करें।
उनके इस प्रयास में महाविद्यालय का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। मेरा घूरा प्रयास होगा कि शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक क्रियाकलापों द्वारा छात्र/छात्राओँ के मानसिक, शारीरिक
और बौद्धिक क्षमता को विकास किया जाय हमारे युवा विद्यार्थियों के सकारात्मक सोच एवं चेतना ही विशुद्ध भारतीय परम्पराओं एव संस्कृति के प्रमुख केन्द्र के रूप से महान भारत के नव निर्माण का आधार वने, इसी आशाओं एव शुभकामनाओं के साथ अभिभावकों से उनर्क बहुमूल्य सूझाव एवं सहयोग की अपेक्षा है।
महाविद्यालय का उद्देश्य प्रवेश लेने वाले समस्त छात्र/छात्राओं को उच्च गुणवत्ता प्राप्त प्राध्यापकों द्वारा न सिर्फ शिक्षा प्रदान करना है
अपितु उनका सर्वांगीण विकाश करते हुए उनके व्यक्तित्व का उन्नयन भी करना है ।
महाविध्यालय परिवार समय-समय पर सेमिनार, परिचर्चा,गोष्ठी, वाद-विवाद प्रतियोगिता,
शैक्षिक पर्यटन तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है ।
अतः प्रवेश प्राप्ति के उपरांत नामांकित छात्र/छात्राओं को चाहिए की वे इन कार्यक्रमों मे अभिरुचि पूर्वक प्रतिभाग करें
तथा प्रतिभा विकास मंच की सदस्यता भी अनिवार्य रूप से ग्रहण कर लें ।
प्राचार्य संदेश
महाविद्यालय भारतीय मान्यताओ संस्कारों, राष्टीय गौरव एवं स्थानीय कलाओ के विकास के लिए कृत संकल्पित है। यह संस्था छात्र-छात्राओ कै सांस्कृतिक क्षमता के प्रस्फुटन एबं परिवर्द्धन हेतु अनुकूल बांतावरण का निर्माण करेगी।
महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले माँ सरस्वती के समस्त वरद पुत्रो से हमारा आग्रह है कि वे उच्च शिक्षा को ग्रहण करने के साथ-साथ संस्कार उन्नयन का भी प्रयत्न करें साथ ही अपने अग्रजों गुरुजनों माता-पिता एव समस्त श्रेष्ट सुधिजन का आदर एव सम्मान करते हुये ईमानदारी, निष्ठा, परिश्रम एव कर्तव्यबोध को आधार स्तम्भ बनाकर अपने जीवन के प्रतिपाध लक्ष्य को प्राप्त करें । आप सबको मेरी यही शुभकामना है कि आप सब जीवन के प्रत्येक परीक्षा में उतीर्ण हो समाज राष्ट्र का निःशेष भाव से सेवा कर विश्व बंधुत्व कि भावना को अंगीकार करते हुये आत्मिक शांति एव समृद्धि प्राप्त करें ।